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लापता होने वाले पाकिस्तानी कर्नल की अचानक चर्चा क्यों?

विदेश सचिव विजय केश व गोखले ने गुरुवार को बताया है कि प्रधानमंत्री न रेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र में धारा 370 के मुद्दे पर चर्चा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि 27 सितंबर की सुबह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए वे विकास और अन्य मुद्दों पर ही ध्यान केंद्रित रखेंगे. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक ख़बर के अनुसार, गोखले ने कहा कि धारा 370 एक 'आंतरिक मुद्दा' है. प्रधानमंत्री मोदी विकास और वैश्विक एजेंडे को आकार देने में भारत की भूमिका पर ही चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा, "आतंकवाद कई मुद्दों में से एक मुद्दा है लेकिन हमारा पूरा ध् यान उसी पर केंद्रित नहीं होगा." जहां पाकिस्तान अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म किये जाने को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है औ र इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाने की योजना में है, वहीं भारत ने इसे एक 'आंतरिक मामला' बता दिया है. गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 21 सितंबर से 27 सितंबर तक अमेरिका का दौरा करेंगे, इस दौरान वह अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाक़ात करेंगे
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एनआईए पर किसका नियंत्रण

एनआईए की विश्वसनीयता पर पूछे गए सवाल के जवाब में आतंकवाद पर लिखने वाले जाने -माने लेखक और इंस्टिट्यूट फोर कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट के निदेशक रहे अजय साहनी कहते हैं, ''हिन्दुत्व के मामलों में एनआईए की भूमिका अच्छी नहीं रही है. हम ये नहीं कह स कते कि वो निर्दोष है या दोषी है. लेकिन एक चीज़ बिल्कुल साफ़ नज़र आती है कि या तो एनआईए कांग्रेस सरकार में राजनीतिक दबाव के कारण झूठ बोल रही थी या एनडीए सरकार में झूठ बोल रही है. पहले एनआईए कह रही थी कि ये लोग न सिर्फ़ मुज़रिम हैं बल्कि ये फांसी के लायक मुज़रिम हैं. इस सरकार में ये कहने लगे कि उनके पास कोई सबूत ही नहीं हैं.'' साहनी कहते हैं, ''यह बिल्कुल स्पष्ट है कि इस एजेंसी का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है लेकिन कौन कर रहा है इस पर टिप्प्णी नहीं कर सकता. ये तो स्पष्ट है कि एनआईए या तो पहले झूठ बोल रही थी या अब झूठ बोल रही है. एनआईए ने कांग्रेस की सरकार में कहा था कि इन लोगों को फांसी दी जाए और इनके ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत हैं. जब सरकार बदली तो इनके सारे सबूत ग़ायब हो गए. इस वक़्त मुस्लिम अभियुक्तों के ख़िलाफ़ दुश्मनी ब

शादी की उम्र तय करना 'ईशनिंदा के बराबर'

मनीष कुंजाम ने नियमगिरि और बैलाडीला में लोह अयस्क की खदान के विरोध में आदिवासियों के प्रदर्शन का हवाला भी दिया. लेकिन बैठक में मौजूद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघे ल का मानना है कि चर्चा विकास और पुलिस के आधुनिकीकरण पर की गई. साथ ही माओवा द प्रभावित ज़िलों के विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि मुहैया कराने पर भी चर्चा की गई. इस पर भी चर्चा हुई कि किस तरह माओवाद प्रभावित राज्यों की पुलिस के बीच आपस का समन्वय बेहतर किया जा सके. उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने केंद्र से अतिरिक्त सु रक्षा बलों की मांग की है. जहाँ तक छापामार युद्ध का सवाल है तो बघेल लड़का और लड़की के लिए शादी की उम्र अलग-अलग क्‍यों है? लड़की की कम और लड़के की ज़्यादा... भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में लड़के और लड़की की शादी की क़ानूनी उम्र में फ़र्क है. लड़की की उम्र कहीं भी लड़के से ज्‍़यादा नहीं रखी गयी है . दिलचस्‍प है कि हमारे देश में तो बालिग होने की कानूनी उम्र दोनों के लिए एक है मगर शादी के लिए न्‍यूनतम क़ानूनी उम्र अलग-अलग . कहते हैं कि केंद्रीय सुरक्षा बलों को इसके प्रशिक्षण का अभाव है. पिछले

केदारनाथ पहुंचे पीएम मोदी, देखिए ये दस ख़ास तस्वीरें

कोई भी शख़् स इस गुफा को कम से कम तीन दिन के लिए बुक करा सकता है जो शख़्स बुकिंग करा रहा है उसे बुकिंग की तारीख़ से दो दिन पहले गढ़वाल मण्ड ल विकास निगम गुप्तकाशी में रिपोर्ट करना ज़रूरी है. पहले गुप्तकाशी में और उसके बाद केदारनाथ में बुकिंग कराने वाले शख़्स की मेडिकल जांच की जाएगी और अगर उसे मेडिकली और फ़िजिकली फ़िट पाया गया तभी उसे गुफ़ा में ठहरने की अनुमति दी जाएगी. एक बार में एक ही शख़्स इस गुफा में रुक सकता है एकबार अगर आपने बुकिंग कर ली तो बु किंग कैंसिल कराने के बाद आपको रिफंड नहीं मिलेगा. चाहे वजह कुछ भी हो. सिर्फ़ और सिर्फ़ गढ़वाल मण्डल विकास निगम की वेबसाइट से ही यहां के लिए बुकिंग हो सकती है. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट या सेल्फ़ डिक्लेयरेशन फॉर्म भरना ज़रूरी है. बीएल राणा कहते हैं कि ऑनलाइन बुकिं ग की ही व्यवस्था है लेकिन केदारनाथ में भी इ सके लिए बुकिंग कराई जा सकती है लेकिन बुकिंग तभी होगी, जब मेडिकल जांच पूरी होगी. क्या है क़ीमत बीएल राणा बताते हैं कि अभी तो इसकी क़ी मत 990 रुपये ही रखी गई है लेकिन आने वाले वक़्त में ये क़ी मत बदल भी सकती है और यह पूरी तरह

别样山水’首次走出国门来到泰晤士河畔的画廊展出

鲁:我不知道如何在不清除浮游生 物的情况下清理(海面)。还有 ,超过一半的塑料都沉到海底去了,我们对那里的情况了解不够,现在还没法清理。从海底上涌的生物太多了,海底生态系统支 持着整个海洋。灯笼鱼是海洋中生 物量最大的鱼类,约占海洋鱼类总量的 60%左右,它们每天晚上都从海底迁至海面,把海底的东西带上来,然后进食海面的浮游生物以及塑料垃圾等,把它们带往海底。也就是说,海面和海底的物质是在 不停交换的。清理海面塑 料垃圾难道不会影响这些生物? 沙滩清洁 机是有用的 ——如果清扫起来的塑 料得到妥善归类和处理的话。我们在香港曾经有过一个,但有一次,台风赶在清运垃圾的日子之前来袭,负责运 垃圾的委员会又不 愿额外派 人,于是那些塑料就全刮回 海里去了。 中:海里的很多塑料最终都被动物吃了 —— 影片中提到说90%的海鸟都曾 吃过塑料,这个数据让人印象深刻。我们要怎么保护它们? 鲁:不仅是海洋生物。我在迪拜认识了一位 兽医,他给我看了穿越沙漠的 骆驼的图片,它们真的什么都吃, 40%的骆驼肚子里 都有巨型的球根状物体,他 给我看了一只骆驼的尸体剖 检,那是一个塑料团成的大球,大 概有1米宽。 我们得停止 对它们的威胁,停止对我 们自己的威胁。在我看来,意识带来的改变最大。因为你知道了这一切,就不可能继续假装不知道。改 变太重要了,而一旦下定 决心去改变,它就一点也不难。   “城镇化和工业化对中国的环境产生了巨大影响”,在伦敦时 髦的“厨房画廊”,山水画家吴 可在他的新画展开 幕式上如是说。他穿着简单 的黑西装,戴着无边框眼镜,梳着光滑的大背头,看起来很有学问。 这位48岁的画家说:“这是我要举办‘别样山水’画展的原因,我想要创造出自己梦想中最好的自然环境”。他周围的巨大画幅 上用奇拔纵横、酣畅淋漓 的水墨,描绘着山川溪流的如诗风景。 这是这位 上海画家的首次海外画展。他的 作品挂满了泰晤士河畔切尔西艺术学院四个房间的画廊,吸引了约四十位参观者。 这场画展的主题是“别样山水”,意在向他之前无数 代的传统山水画家致敬。 山水画起源于公元5世纪的南朝刘宋时期,与书法密切相关。当时,自然的笔墨得到皇帝的高度赞扬,画 家具有崇高的地位,并与主要的哲 学和性灵学派相联,尤其是提出“仁者乐山”的道家。 今天的山水画家仍然坚持旧有的传统。宣纸水

طقس: تواصل تساقط الثلوج على المرتفعات الوسطى والشرقية

شهدت مختلف المناطق الشمالية والشرقية أم طار وثلوج على المرتفعات حسب نشرية خاصة لمصلحة الأرصاد الجوية التي حذرت من خلالها استمرار تساقط الأمطار وا لثلوج على المناطق الشرقية والو سطى .أكد وزير السكن عبد الوحيد طمار خلال زيارة عمل وتفقد قطاعه في ولاية قالمة أنه تم وضع خريطة طريق رفقة السلطات الولائية للسنة الجارية . تم تعيين رئيس معهد الآداب واللغات بجامع ة البويرة، محمد جلاوي، رئيسا للمجمع الجزائري للغة الأمازيغية لمدة أربع سنوات بموجب المرسوم الرئاسي المؤرخ في 23 ديسمبر 2018 والصادر في العدد الاخير من الج ريدة الرسمية. كم تم بموجب مرسوم رئاسي آخر تعيين أعضاء المجمع من بينهم عبد الرزاق دوراري وصالح بايو ومالك ب وجلال وجودي مرداسي و جمال نحلي وعبد الكريم عوفي وا لسعيد هادف وسامية دحماني وحسينة خردوسي وعبد العزيز برقاي. يذكر أن المجمع الجزائري للغة وقع مجمع سونلغاز يوم الثلاثاء بالجزائر العاصمة مع المجمع الجزائري للميكانيك أ جي آم اتفاقية إط ار لإقامة نشاطات مناولة وتقديم خدمات لصالح فروعه. وقد وقع هذه الاتفاقية الإطار الرئيسان المديران العامان للمجمعين العمومي

सरदार पटेल के बारे में कितना जानते हैं आप

1954 में लोहिया की प्रेरणा से गोवा विमोचन सहायक समिति बनी, जिसने सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा के आधार पर आंदोलन चलाया. महाराष्ट्र और गुजरात में आचार्य नरेंद्र देव की प् रजा सोशलिस्ट पार्टी के सदस्यों ने भी उनका भरपूर साथ दिया. 'लोहिया एक जीवनी' बताती है कि गोवा छोड़ने से पहले डॉक्टर साहब ने आह्वान किया कि गोवा के लोग अपना संघर्ष जारी र खें. लोहिया ने तीन महीने बाद गोवा लौटने का वादा किया लेकि न दिसंबर 1946 आते-आते भारत के दूसरे हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा की आग भड़क उठी और लोहिया गोवा नहीं जा सके क्योंकि वे गांधी के साथ हिंसा की आग बुझाने में लगे थे. किताब के मुताबिक, "लोहिया अपने वादे को न हीं भूले, वे दोबारा गोवा गए लेकिन उन्हें रेलवे स्टेशन पर ही गिरफ़्तार कर लिया गया. इस बार भी गांधी लोहिया की गिरफ़्तारी पर लगातार बोलते रहे. दस दिन तक जेल में रखे जाने के बाद लोहि या को दोबारा गोवा की सीमा से बाहर ले जाकर छोड़ दिया गया." ग़ौर करने की बात ये भी है कि गोवा की आज़ादी की लड़ाई में लोहिया की भूमिका को सिर्फ़ गांधी का समर्थन मिला, कांग्रेस पार्टी के बड़े न